ब्यूरो। रैबीज से हर दसवें मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। खासतौर पर एशिया और अफ्रीका में मरने वालों की संख्या ज्यादा है। रैबीज के कारण हो रही मौतों पर गंभीरता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई दूसरे संस्थाओं के साथ मिलकर एक सामूहिक योजना तैयार की है। ताकि कुत्तों की आबादी को काबू में करने से लेकर सुलभ और सस्ता इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एशिया और अफ्रीका के देशों में कुत्तों से काटने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इन देशों में आवार कुत्तों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कुत्तों से काटने से रैबीज नामक रोग होता है, जो इलाज न मिल पाने के कारण मौत का कारण बनता है। रैबीज का इलाज सौ प्रतिशत संभव है। इसके लक्षण सामने आने के बाद इसका इलाज महंगा होता है, इसलिए एशिया और अफ्रीका के देशों की गरीब आबादी इस इलाज को वहन नहीं कर पाती है। इसलिए रैबीज को जड़ से खत्म करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विस्तृत योजना तैयार की है। इस संबंध में जल्द ही प्रभावित देशों को नई कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए दिशा—निर्देश दिए जा सकते हैं।